कोई जब दिलनशीन लगता है।
सारा आलम हसीन लगता है॥
उसकी सांसों से मैं महकता हूँ,
जिस्म ताज़ातरीन लगता है॥
उसकी हर-एक अदा का कायल हूँ,
मुझको वो नाजनीन लगता है॥
उसका अहसास जब भी छूता है,
ज़िन्दगी पर यकीन लगता है॥
डॉ० अनुज भदौरिया
सारा आलम हसीन लगता है॥
उसकी सांसों से मैं महकता हूँ,
जिस्म ताज़ातरीन लगता है॥
उसकी हर-एक अदा का कायल हूँ,
मुझको वो नाजनीन लगता है॥
उसका अहसास जब भी छूता है,
ज़िन्दगी पर यकीन लगता है॥
डॉ० अनुज भदौरिया
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