Thursday, March 8, 2012

मुझको रंग लगा दो फिर से,

मुझको रंग लगा दो फिर से,
चाहत के अहसासों का।
किसे पता है, किसे भरोसा,
अपनी अनगिन सासों का।।
खालीपन जीवन का मेरा,
रंग बिरंगा हो जाये,
चाहत की बूंदों से मेरा,
मन भी गंगा हो जाये,
तुमसे मैने बंधन बांधा,
अपने कुछ विश्वासों का॥
मुझको ऐसे रंग दो जैसे,
राधा के संग श्याम रंगे,
तन-मन ऐसे रंग दो मेरा,
संग तुम्हारे नाम रंगे;
दिल की बगिया से लाओ तुम,
कोई रंग पलासों का॥
ऐसा रंग लगा दो मुझको,
जीवन भर न छूटे,
बांध लिया जो बंधन तुम संग,
जनम-जनम न टूटे,
प्रीत-रीत का बंधन,
बना रहे इन आसों का॥
डॉ० अनुज भदौरिया "जालौनवी"

होली की हार्दिक शुभकामनायें